Thursday 9 May 2013

प्योर गोत्र का कंसेप्ट झूठा


प्योर गोत्र का कंसेप्ट झूठा 
मुझे बहुत ही गर्व था अपने राठी होने पर
उससे ज्यादा दर्द हुआ पवित्रता के खोने पर 
मग़र एक दिन पता चला यह झूठ है 
वैज्ञानिक आधार पर प्योर का ये कंसेप्ट 
गोत्र के बारे में सही नहीं ठहराते हैं

मानो दो सौ साल पहले मेरे वंसज हुए
राठी और हुड्डा मेरे पिता साइड के गोत्र
पूनिया श्योरान मेरे माता साइड के गोत्र
उनकी संतान राम सिंह जिसका नाम
राम सिंह राठी हुड्डा पूनिया श्योरान हुआ
फिर राम सिंह की शादी राम कली से हुई
रामकली दहिया मलिक खत्री गुलिया थी
राम सिंह राम कली ने रोशनी को जनमा

रोशनी हुई राठी हुड्डा पूनिया श्योरान
दहिया मलिक खत्री गुलिया उसका नाम
इस तरह आठवीं पीढी तक आते आते
पाँच सौ बारा गोत्रों का मिश्रण राठी

दसवीं पीढ़ी तक पहुंचा तो दो हजार
अड़तालीस गोत्रों का बना बढ़िया घोल
इस तरह खुल गयी राठी प्योर खून की पोल
और मुझे प्योरिटी खोकर धक्का लगा

विज्ञानं और वैज्ञानिकों पर गुस्सा जागा
मग़र क्या हो सकता है सच तो सच है
प्योर राठी का खून नहीं दौड़ रहा मेरे में
बहुत अफ़सोस हुआ है मुझे यह जानकर
समाज के संस्कृति के ठेकेदारों ने क्यूं
ढोंग रचाया गोत्र की पवित्रता का इतना
कहीं सुनते हो तो मुझे जवाब चाहिए
मेरी जिज्ञासा का समाधान जतायिये - डा. रणबीर सिंह दहिया 

1 comment:

  1. The posts on this blog cannot become unilateral as it is in the name of a Society and group. It must be cleared by a group of editors and also with the approval of the content advisory committee about which the Executive Committee may think in the next meeting. I have strong objection if only one persons or a few persons becomes the self-appointed spokespersons or control this blog spot.

    ReplyDelete